दिवाली भी बुराइयों को मिटाने का दूसरा नाम है | कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya )
जब हम प्रकाश पर्व दिवाली पर उत्साह, खुशी और उत्साह के उजियारे में नहाते हैं, तो हम पूरे उत्साह से भर जाते हैं।इस उत्सव पर हमारा देश ही नहीं, पूरी दुनिया भी उज्ज्वल है। अमेरिका, सिंगापुर और फिर संयुक्त राष्ट्र में दिवाली मनाई गई। विश्व की इस सबसे बड़ी संस्था ने पहली बार कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने अपने मुख्यालय पर दीये और थ्रीडी लाइटिंग के साथ हैप्पी दिवाली का संदेश दिखाकर इस उत्सव को मनाया। विश्व की सबसे बड़ी संस्था द्वारा व्यक्त यह भाव निश्चित रूप से हमारे देश के प्रति विश्व के बदलते दृष्टिकोण और उसकी हमारे प्रति बढ़ती दिलचस्पी का संकेत है। दूसरी तरफ, दिवाली पर हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने जो व्यवहारिक भाव व्यक्त किए हैं, उन पर भी विचार करने और उन पर अमल करने से देश में वांछित बदलाव हो सकता है। प्रेम और त्याग: दिवाली का मूल भाव दिवाली भी बुराई का दूसरा नाम है। दिवाली पर हम एकजुट होते हैं। इससे दिल खुलता है, सरलता आती है, प्रेम बढ़ाता है और प्रेम में ही ईश्वर है। प्रेम में त्याग अनिवार्य है, और बुराई नहीं होगी जहां ये दोनों हैं। अब जरा अधिक गहराई में जाकर कुछ और ख