रावण मुक्ति: परिवर्तन और विजय की कथा | कैलाश विजयवर्गीय

श्रीरामजी की रावण पर विजय के दिवस दशहरे के पावन अवसर पर कैलाश विजयवर्गीय द्वारा सभी विश्वबंधुओं को शुभकामनाएं।                   

 

रावण युद्ध भूमि में उतरता है , राम से घोर संघर्ष करता है। बहुत मेहनत के बाद भी रावण का वध नहीं हो पाया तो राम ने विभीषण की ओर देखा। विक्रमादित्य ने कहा कि रावण की नाभि में अमृत होना चाहिए था। रामजी ने सिर्फ 31 बाणों को एक साथ संधान किया और फिर इन्हें छोड़ा। बीस बाणों से हाथ, दस से सिर और एक से नाभि काट लिया गया। रावण गिर पड़ा। शिव भी प्रसन्न हुए। जब सभी ने देखा कि रावण की आत्मा प्रभु राम में समा गई, तो वे हैरान हो गए। कुंभकर्ण की मृत्यु भी ऐसी थी। सब लोग इसका रहस्य जानना चाहते थे। इस रहस्य को समझने से श्रीराम कृपा की करुणा और सरलता का अनुभव होगा।

रावण की आत्मा का तेजस रामजी में समा गया, जो उनकी मुक्ति या मोक्ष का संकेत था। जन्म मरण से मुक्त हुए। इसका मतलब यह है कि वे अन्यायपूर्ण व्यवहार का एक और अध्याय नहीं शुरू कर पाएंगे। धर्म की स्थापना और अन्याय के खात्मे के लिये जन्म लेने की प्रभु ने जो घोषणा की थी, उसे रामजी ने ऋषियों के सामने भुजा उठाकर पूरा किया। प्रभु ने मानवता को मुक्ति दी, ताकि राक्षस फिर से पृथ्वी पर बोझ न बनें। मानव और जीव मात्र के प्रति रामजी का ऐसा चिंता-भाव ही उन्हें जन-जन के मन प्राण में बैठाता है।

कैलाश विजयवर्गीय | Kailash Vijayvargiya




हम इस घटना को अधिक गहराई से समझेंगे तो इसके मूल में रामजी की करुणा, दया और "गए शरण प्रभु राखिहें" वाला अद्भुत, मधुर प्रेम दिखाई देगा। रावण, कुम्भकर्ण की मृत्यु के समय उनके दिल में रामजी ही थे। शत्रुता से ही सही। ऐसी मृत्यु ही मोक्ष देगी। रामजी की याद करने वाले को वे अपनाते ही हैं और उसके दर्द को दूर करते हैं। वास्तव में कहा है: "भांय कुभांय, अनेख अलसहुं, नामजपत मंगल दिसी दसहुं।"

तुलसी दासजी ने भाी कहा है :-

तुलसी अपने रामको,रिझ भजो या खीझ !!

उलटो सीधो उगहे, खेत पडे़ को बीज।

कैसे भी आप राम को भजेंगे,भाव से या भाव से,मंगल ही होगा। जैसे खेत में बीज सीधा या उलटा हो, उगता ही है।

रामजी सुख धाम हैं। वह अपने जीवनकाल में बहुत दुःख झेले थे, इसलिए हमारी पीड़ा उन्हें दुखी करती है। यही कारण है कि जो व्यक्ति उनकी शरण लेगा, चाहे वह कैसा भी बुरा या क्रूर हो, वह शुद्ध हो जाएगा और भगवान उसे अवश्य अपनाएंगे। पीड़ा कम करेंगे।

हम भी इस शुभ अवसर पर श्रीराम की शरण में जाकर शांति की प्रार्थना करें।

Contact Us :

Address: 805/9 Nanda Nagar Main Road Indore Madhya Pradesh 

Pincode452011

Phone Number : +91 731 255 0088

Mail : Kvijayvargiya111@gmail.com

Official Website: Kailash Vijayvargiya

Social Link :

Youtube

Linkedin

Facebook

Twitter

Instagram

External link:



Comments

Popular posts from this blog

दिवाली भी बुराइयों को मिटाने का दूसरा नाम है | कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya )

महाराष्ट्र दौरे पर मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय जी, नागपुर के छह विधानसभा क्षेत्रों में किया महा जनसंपर्क