नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक को श्रद्धांजलि | कैलाश विजयवर्गीय
डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी का जीवन और उनके कार्य भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद के प्रति उनकी अटूट निष्ठा का प्रतीक हैं। उन्होंने अपने जीवन को राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित कर दिया और आरएसएस की स्थापना की, जो आज एक विशाल संगठन बन चुका है। उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए, संघ के सदस्य राष्ट्र उत्थान के लिए संकल्पित हैं।
इस अवसर पर संघ के द्वितीय सरसंघचालक परम पूज्य श्री माधव सदाशिव गोलवलकर गुरुजी को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। गुरुजी का जीवन और उनके विचार संघ के सदस्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने संघ के सिद्धांतों और मूल्यों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
संघ के सदस्यों ने इस अवसर पर अपने संकल्प को दोहराया कि वे डॉ. हेडगेवार और गुरुजी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र सेवा में अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद के प्रति उनकी निष्ठा अटूट है और वे हर संभव प्रयास करेंगे कि देश का उत्थान हो।
डॉ. हेडगेवार और गुरुजी के विचार और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग संघ के सदस्यों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करते हैं। उनके विचारों को आत्मसात कर संघ के सदस्य राष्ट्र सेवा में जुटे हुए हैं। इस अवसर पर संघ के सदस्यों ने अपने संकल्प को दोहराया कि वे भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखेंगे और देश के उत्थान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
इस अवसर पर संघ के वरिष्ठ सदस्यों ने भी अपने विचार व्यक्त किए और डॉ.
हेडगेवार और गुरुजी के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि उनके विचार और उनके
द्वारा दिखाए गए मार्ग संघ के सदस्यों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेंगे। संघ
के सदस्यों ने इस अवसर पर अपने संकल्प को दोहराया कि वे भारतीय संस्कृति और
राष्ट्रवाद के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखेंगे और देश के उत्थान के लिए हर संभव
प्रयास करेंगे।
इस प्रकार, नागपुर में आज का दिन डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और श्री माधव सदाशिव गोलवलकर गुरुजी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनके विचारों को आत्मसात करने का दिन था। संघ के सदस्यों ने अपने संकल्प को दोहराया कि वे उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र सेवा में अपना योगदान देंगे और देश के उत्थान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
Visit For More
Info : Kailash Vijayvargiya
Comments
Post a Comment